GUDDU MUNERI

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जादुई कंचे

गुड्डू द सुपर हीरो की कहानी 

[ जादूई कंचे ] 

पार्ट (7)


Recap.....

अलबेला ने उसे रोका और पूछताछ करी लेकिन उसने गूंगे होने का नाटक किया तो उस पर तरस आ गया उसके हाथ में एक पीतल का मटका था पूछताछ में उसने बताया था कि यह मटका वह अपनी बेटी की शादी में देगा झिमकु ने गूंगे की एक्टिंग में ऐसे इशारे से समझाया कि कोई उसे गूंगा नही कह सकता था । 

        फिलहाल यह भी बचकर निकल गया और फिर गुड्डू अलबेला और पिंटू तीनों सड़क किनारे आगे की ओर चल

 दिए..........


अब आगे .....✍️

      चलते चलते जब कोई और अंधेरे में दिखाई नही दे रहा था । गुड्डू को प्यास महसूस हुई ।

गुड्डू ने पिंटू के कंधे पर लदे बैग से एक पानी की बोतल ली और प्यास बुझाई । 

" तुम भी अपनी प्यास बुझ लो " गुड्डू अलबेला को पानी की बोतल देते हुए कहा ।

बस गाड़ियां ही थी जो सड़क पर एक एक करके दौड़े जा रही थी कभी कोई कार गुजरती, कभी कोई बस , कभी मोटर साइकल बस वाहन ही गुजरते जा रहे थे । 

      गुड्डू ने एक बार फिर उस बड़ी बिल्डिंग पर लगी बड़ी सी घड़ी पर नजर दौड़ाई और देखा तो रात के तीन बजने वाले थे फिलहाल अब घर वापस चलने की तैयारी कर लेने का इरादा गुड्डू ने बनाया कि लाइट गुल हो गई ।


दूसरी ओर " हुकाला"  लाइट के ट्रांसफार्मर के पास लगे पोल पर लगा एक हैंडल गिरा कर हंसता है 

" हा हा हा हा हा  "

" अब आएगा मजा " खुशी से हुकाला बोलता है ।

हैंडल गिराने के बाद हुकाला ने जेब से एक प्लास्टिक ट्रांसपेरेंट गिलास निकाला और एक पानी की बोतल से पानी गिलास में डाला तथा उसमे वो जादूई कंचा डाल दिया जिससे काफी रोशनी हो गई । हुकाला दबे पांव से एक गली में घुसा जहां पर उसे बाहर खड़ी एक मोटर बाइक दिखाई दी और उसे चुराकर ले जाने का इरादा बना लिया ।

      मूंगा नगर के सभी नगरवासी गहरी नींद में सोए हुए थे 

उन्हे कोई खबर नहीं थी बाहर क्या हो रहा है ।

वही गुड्डू ने पिंटू से कहा - 

" चलो एक बार घर की ओर वापस चलते है "

" लाइट भी गुल हो गई है " 

" उधर गुड़िया और मिठ्ठू खिड़की पर होंगे " 

" उन्हे शायद कहीं नींद न आ गई हो " 


" चलो चलते हैं " पिंटू ने कहा ।


उधर खिड़की पर गुड़िया अभी भी नजर रखे हुई थी और मिठ्ठू भी वही बैठा हुआ था गुड़िया ने अंदर खिड़की से ही मिठ्ठू से जानकारी ले रहीं थी ।

" मिठ्ठू दांए बांए देखो कोई आया क्या " 

" नही , अभी कोई नही आया । मुझे तो नींद आने लगी है मुझसे अब नही जगा जाता " मिठ्ठू ने गुड़िया से कहा ।


इधर गुड्डू ने अंधेरे में चलते चलते पिंटू को पानी की दूसरी बोतल निकालने के लिए कहा । पिंटू ने पानी की बोतल बैग से निकालकर गुड्डू को दे दी ।

गुड्डू ने जेब(पॉकेट) से जादूई कंचे निकाले और पानी की ट्रांसपेरेंट बोतल में डाल दिए और बोतल तेज रोशनी  से जगमगा गई 

" देखा मेरा कमाल " गुड्डू ने दोनो साथियों से कहा । 

" चलो अब चलते है " गुड्डू ने फिर कहा । 


धीरे धीरे रोशनी के साथ गुड्डू और उसके दोनो साथी आराम से अपने घर की ओर चले जा रहे थे रास्ते में बांए हाथ वाली गली में मुड़ते ही गुड्डू को आगे बीच का अंधेरा पार करके दूसरी और दूर एक रोशनी दिखाई दी जो हिल डुल रही थी मानो जैसे कोई बल्ब हिला रहा हो गुड्डू वहीं रुक गया और अपने साथियों के साथ वहीं कोने में छुपकर देखने लगा आखिर मामला क्या है 


उधर हिलती हुई रोशनी एक गिलास में से निकाल रही थी जो हूकाला के हाथ में था । हुकाला उस मोटर साइकिल का लॉक तोड़ रहा था लेकिन एक हाथ से मोटर साइकिल का लॉक तोड़ पाना जरा मुश्किल था दूसरे हाथ में लगा कंचे वाला गिलास हुकाला ने साइड में रख दिया और फिर दोनो हाथ से मोटर साइकिल का हैंडल हिला हिलाकर लोक तोड़ने लगा ।

     तभी पीछे से हुकाला का चेला मोटा (झेला) आ जाता है 

सर पर गठरी रखे हुए और हल्की आवाज में बोला - मालिक देखो मुझे क्या हाथ लगा कपड़े और कपड़े में जेवर हा हा हा हा हा हा हंसता गया ।

हुकाला अपना हाथ रोकते हुए बोला -

" वाह बहुत बढ़िया झेला तूने कमाल कर दिया " 

" ला ये माल दे और जरा इस मोटर साइकिल का लॉक तोड़" 

 हुकाला ने गठरी का सामान ले लिया । 


" नही ये मुझसे नही होगा यह काम तुम झिमकु से करवाओ " 

झेला ने बात रखी " 

तभी झिमकु भी आ जाता है हाथ में पीतल का मटका लिए

मालिक हुकाला के पास आकर बोला -

" मालिक ये देखो " 

" पीतल का मटका " 

वाह बहुत बढ़िया , बहुत बढ़िया " मार्किट में इसके सही दाम मिल जायेंगे हुकाला ने कहा ।


इधर गुड्डू अपने दोनो साथियों के साथ छुपकर दूर से देखता हुआ छुप छुपकर हुकाला के करीब जा रहा था । दोनो साथी दबे पांव गुड्डू के पीछे चल रहे थे ।


कभी इस कोना कभी उस कोना करते हुए करीब जाकर गुड्डू ने देखा कि यह तो हुकाला है और ये दोनो तो वही है जो अभी थोड़ी देर पहले हमारे पास से गुजरे थे ।


" अच्छा तो ये मटका नीचे रख और जरा इस मोटर साइकिल का लॉक तोड़ " हुकाला ने झिमकु से कहा ।

" अभी तोड़ता हूं " झिमकू बोला ।

" तुम दोनो चेलों मेरा काम करते रहो मैं तुम्हे माला माल कर दूंगा " हुकाला बोला ।


पीछे से गुड्डू यह सुनते ही समझ गया था कि वह दोनो हुकाला के चेले है ।


दो तीन झटको में मोटर साइकिल लॉक झिमकू द्वारा टूट गया था और फिर हुकाला रोशनी से भरा गिलास उठाकर उस मोटर साइकिल पर सवार हो गाया और उसके दोनो चेलों ने उसी पर गठरी और मटका लेकर चलने की तैयारी कर ली थी और मोटर बाइक को उल्टे रास्ते घुमाकर अपने अड्डे(ठिकाने ) पर जाने के लिए निकले ही थे कि आगे गुड्डू और उसके साथी तीनो गली में रास्ता रोक खड़े हो गए और बगल से वो बोतल निकाल ली जिसमे से तेज रोशनी निकल रही थी और उसमें जादूई कंचे भी पड़े हुए थे ।

    मोटर साइकिल पर सवार हुकाला जब थोड़ा आगे चलता है उसे वो बोतल वाली तेज रोशनी दिखाई पड़ती है जो उसकी आखों पर पड़ रही  थी और करीब जाने पर देखा कि ये तो गुड्डू और उसकी सुपर टीम के दो साथी है जो उसे पिछली बार उसकी गली में प्लाट वाले पार्क में हरा चुके थे और दो मुक्के साथ में एक लात भी मारी थी । 

   हुकाला ने उन्हें देख कर मोटर साइकिल वापस घुमाना शुरू ही की थी कि गुड्डू ने जादूई कंचे की लाइट से जहमगाती बोतल एक तरफ रखी और तुरंत पीछे से उसका हाथ पकड़ लिया

" ओह तो तुम हो मूंगा नगर वासियों का माल लूटने वाले " 

" पिंटू ", " अलबेला " ," तुम जरा झिमकू और झेला से निपटो मैं जरा हुकाला को समझाता हूं चोरी करना गुनाह है पाप है " गुड्डू ने अपने दोनो साथियों से कहा । 


" नीचे उतर हुकाला" गुड्डू ने हुकाला को मोटर साइकिल से खींचकर नीचे उतारा और मोटर साइकिल भी गिर गई साथ में अलबेला ने झेला को पकड़ लिया और पिंटू ने झिमकू को 


" या ढिशुम " गुड्डू ने एक हाथ से हुकाला के एक मुक्का मारा । लाइट वाला गिलास थोड़ी दूर जाकर गिरा । और हुकाला अपना गाल सहलाते हुए देखता रह गया ।

" झेला ओ झेला"  " ले झेल" अलबेला ने भी एक जोर दार झापड़ (तमाचा ) दिया और अपनी गठरी संभालते हुए गिरने वाला था लेकिन संभल लिया ।

पिंटू ने भी झिमकु को एक लात दी मटका साइड में जाकर गिरा और झिमकु भी। गिरा 

उसके बाद तो तीनों की खूब पिटाई हो रही थी आखिरी मुक्के में हुकाला थोड़ी दूर जाकर गिरा जहां वो जादूई कंचे की लाइट वाला गिलास गिरा  हुआ था और उस गिलास को उठाकर तेजी से भाग गाया । 

 परंतु झेला और झिमकु नही भाग पाए वह दोनो पकड़े गए ।

दोनो को तुरंत ही एक घर के बाहर पड़ी एक लंबी सी रस्सी से बांध दिया गया.........



आज के लिए इतना ही शुक्रिया ✍️ 

लेखक : गुड्डू मुनीरी सिकंदराबादी 


झिमकु झेला तो पकड़े गए लेकिन क्या हुकाला अब कोई नया कारनामा दिखाएगा  अगले पार्ट में जानिए कंचे का यह रहस्य जो अभी न गुड्डू को मालूम था और न ही हुकाला को  इस रहस्य को जानने के लिए बने रहिए ।

आने वाला पार्ट (8) जरूर पढ़े ।

 गुड्डू : द सुपर हीरो " रहस्य जादूई कंचे का" 




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5 Comments

Shnaya

07-Feb-2024 07:47 PM

Nice

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Mohammed urooj khan

06-Feb-2024 12:33 PM

👌🏾👌🏾👌🏾👌🏾

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Milind salve

05-Feb-2024 02:33 PM

Nice

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